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बैंकॉक में सेना और प्रदर्शनकारियों की झड़प, 94 घायल

१३ अप्रैल २००९

थाईलैंड की राजधानी बैंककॉक में सोमवार को सरकार विरोधी प्रदर्शनकारी सड़कों पर उमड़े जिन्हें काबू करने के लिए सेना को तलब किया गया. गोलियां चली जिसका जबाव प्रदर्शनकारियों ने अपने तरीके से दिया. लगभग 100 लोग घायल हुए हैं.

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भीड़ के नियंत्रित करने के लिए सेना को चलानी पड़ी गोलीतस्वीर: AP

थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए सेना को गोली चलानी पड़ी जिसके जबाव में पत्थर और पेट्रोल बम फेंके गए. प्रदर्शनकारियों ने कई बसों को आग लगा दी और एक सरकारी इमारत को भी नुक़सान पहुंचाया. इन झड़पों में एक व्यक्ति की मौत हो गई है जबकि 94 लोग घायल हैं जिनमें 23 सैनिक भी शामिल हैं.

Oppositionsführer Abhisit neuer Regierungschef in Thailand
प्रधानमंत्री अभिसीत वेजाजीवा के इस्तीफ़े पर अड़े प्रदर्शनकारीतस्वीर: AP

सरकार के प्रवक्ता पनितान वातानानगोर्ग ने बताया, ''हमारे अभियान में कुछ लोग घायल हुए हैं. हमने प्रदर्शनकारियों से बात करने की कोशिश की. लेकिन उसके बाद भीड़ पर क़ाबू पाने के लिए हमें हथियारों का इस्तेमाल करना पड़ा.''

पूर्व प्रधानमंत्री थकसिन शिनवात्रा के ये समर्थक लंबे समय से प्रधानमंत्री अभिसीत वेजाजीवा के इस्तीफ़े की मांग कर रहे हैं. सरकार विरोधी प्रदर्शनों के कारण ही आसियान की अहम बैठक को स्थगित करना पड़ा क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने आयोजन स्थल पर ही धावा बोल दिया. लाल कमीज़ पहने हज़ारों प्रदर्शनकारी अब भी सरकारी भवन को घेरे हुए हैं.

Thaksin Shinawatra kommt aus dem Exil nach Bangkok, Thailand
थकिसन के समर्थक चाहते हैं प्रधानमंत्री वेजाजीवा का इस्तीफ़ातस्वीर: AP

सरकार प्रदर्शनकारियों से निपटने की अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रही है. प्रधानमंत्री वेजाजीवा, ''अशांत इलाक़ों पर फिर से नियंत्रण के लिए सरकार ने एक सधी हुई योजना बनाई है. हम कोशिश कर रहे हैं कि जितनी जल्दी हो सके, तनाव को ख़त्म किया जाए. जिसे प्रदर्शन करना है वह शांति पूर्ण तरीक़े से कर सकता है.''

उधर निर्वासन में रह रहे पूर्व प्रधानमंत्री शिनवात्रा का कहना है कि प्रदर्शनों के दौरान बहुत सी मौतें हो रही है लेकिन उनके बारे में कोई ख़बर नहीं दी जा रही है. शिनवात्रा को 2006 में सत्ता से बेदखल कर दिया गया था. उनके ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार के बहुत से मामले हैं. फिलहाल वह देश से बाहर रहकर सरकार विरोधी आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं.